कमर से ऊँचाई तक का अनुपात (WtHR) हार्ट फेलियर का खतरा बता सकता है, ऐसा स्वीडिश रिसर्च का कहना है।
रिसर्च के मुताबिक, बॉडी मास इंडेक्स (BMI) बढ़ने पर हार्ट फेलियर (HF) का खतरा रहता है।
हालांकि, ऊंचाई और वजन के आधार पर बॉडी फैट बताने वाले BMI में कई खामियां है।
गौरतलब है कि मोटापा हार्ट फेलियर को प्रभावित करता है और BMI वृद्धि से इसका जोखिम भी बढ़ जाता है।
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लेकिन BMI के मुकाबले कमर से ऊँचाई का अनुपात (WtHR) हानिकारक फैट का अधिक मज़बूत माप है।
दरअसल कमर की चर्बी (Central adiposity) आंतरिक अंगों के आस-पास हानिकारक फैट का जमाव है।
रिसर्च के लिए 45 से 73 वर्षीय 1,792 पुरुषों और महिलाओं पर साढ़े 12 साल तक नजर रखी गई थी।
इस दौरान, हार्ट फेलियर के 132 मामले दर्ज किए गए, जिनमें अधिक WtHR से रोग में उल्लेखनीय वृद्धि थी।
अधिक WtHR वालों में कम वालों की अपेक्षा हार्ट फेलियर का जोखिम काफी अधिक था।
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यह देखते हुए रिसर्च टीम ने कमर का माप ऊँचाई के आधे से कम रखना फायदेमंद बताया है।
नतीजों के अनुसार, हार्ट फेलियर रोगियों की पहचान के लिए BMI से बेहतर WtHR मीट्रिक हो सकता है।
इस बाबत जानकारी, यूरोपीय सोसायटी ऑफ कार्डियोलॉजी के सम्मेलन में प्रस्तुत स्टडी से मिल सकती है।
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