एक नई स्टडी में पाया गया है कि कैसे हमारी आदतें किसी रोग के विकास को प्रोत्साहित करती है।
अमेरिकी स्टडी की मानें तो देर तक बैठने या लेटने से बुजुर्गों को अल्जाइमर (Alzheimer’s) रोग हो सकता है।
इस बाबत 50 और अधिक आयु के 404 वयस्कों की सुस्त जीवनशैली और न्यूरोडीजेनेरेशन (दिमागी न्यूरॉन्स में कमी) के बीच लिंक जांचा गया था।
वयस्कों ने एक सप्ताह की अवधि में उनकी गतिविधियों को लगातार मापने वाली घड़ी पहनी थी।
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सात साल तक हुए उनके दिमागी स्कैन और मानसिक कौशल को उनके गतिहीन (Sedentary) समय से जोड़ा गया।
घंटों गतिहीन समय बिताने वालों में एक्सरसाइज के बावजूद मानसिक कौशल गिरावट और न्यूरोडीजेनेरेटिव परिवर्तन अधिक होने की संभावना थी।
ये निष्कर्ष अल्जाइमर रोग करने वाले एक आनुवंशिक दोष के प्रभावितों में अधिक सपष्ट थे।
यह माना गया कि घंटों बैठने में कमी करना खासकर अल्जाइमर रोग के आनुवंशिक जोखिम वालों के लिए बेहद जरूरी है।
स्टडी में कहा गया कि बैठने के समय को कम करने से अल्जाइमर रोग विकसित होने की संभावना घटती है।
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बुजुर्गों की दिमागी सेहत के लिए घंटों बैठने से बचना और ज्यादा चलना-फिरना अत्यंत लाभकारी है।
यह स्टडी अल्जाइमर और डिमेंशिया जर्नल में प्रकाशित हुई थी।