अकेलेपन (Loneliness) को कई तरह की स्वास्थ्य समस्याओं की जड़ कहा गया है।
इससे चिंता, डिप्रेशन, दिल के रोग और यहां तक कि जल्द मौत भी हो सकती है।
अब अंतरराष्ट्रीय वैज्ञानिकों की एक साझा स्टडी ने अकेलेपन से सुनने की क्षमता में कमी (Hearing loss) का खतरा भी बताया है।
उन्हें यह जानकर हैरानी हुई कि अकेलापन स्वतंत्र रूप से सुनने की क्षमता में कमी के जोखिम को बढ़ा सकता है।
- Advertisement -
पुख्ता जानकारी के लिए टीम ने यूके बायोबैंक से 490,865 इंसानों का डेटा लिया और उन पर साढ़े 12 वर्षों तक नजर रखी।
अकेलेपन को पूछताछ और सुनने की क्षमता में कमी की पहचान इलेक्ट्रॉनिक स्वास्थ्य रिकॉर्ड द्वारा की गई।
छानबीन से पता चला कि अकेले रहने वालों में अन्यों की अपेक्षा सुनने की क्षमता कम होने का जोखिम 24% अधिक था।
उम्र, लिंग, स्वास्थ्य, बीमारी, आनुवंशिक दोष और सामाजिक-आर्थिक स्थिति हटाने के बाद भी अकेलेपन से सुनने की क्षमता को स्पष्ट खतरा था।
यह संबंध खासकर Sensorineural hearing loss (SNHL) के लिए सटीक था और पुरुषों के मुकाबले महिलाओं में अधिक मजबूत था।
- Advertisement -
बता दें कि SNHL में आंतरिक कान (Cochlea) या श्रवण तंत्रिका (Auditory nerve) को क्षति पहुंचती है।
इनके द्वारा किसी इंसान के आंतरिक कान से दिमाग तक सुनने से जुड़े संकेत पहुंचते है।
टीम ने अकेलेपन से सुनने में कमी के पीछे कई स्वास्थ्य कारण होने की संभावना जताई है।
इनमें अकेलेपन से संबंधित सूजन, हाई बीपी, न्यूरोएंडोक्राइन तनाव और संबंधित बीमारियाँ आदि शामिल हो सकते है।
गौरतलब है कि सुनने में कमी होना एक ऐसी वैश्विक स्वास्थ्य समस्या है, जिससे 1 अरब 50 करोड़ से अधिक प्रभावित है।
फिलहाल अधिक जांच द्वारा ही जाना जा सकता है कि अकेलापन सुनने की क्षमता को कैसे कम करता है।
इससे यह पता करना संभव होगा कि अकेलापन कम करने से सुनने की क्षमता घटने का खतरा टल सकता है या नहीं।
यूके, चीन और हांगकांग के स्वास्थ्य विशेषज्ञों की यह स्टडी हेल्थ डेटा साइंस में प्रकाशित हुई थी।