बढ़ती उम्र में भी एक्टिव रहने से कई बीमारियों का खतरा टल सकता है।
यह कहना है अंतर्राष्ट्रीय हेल्थ साइंटिस्ट की एक टीम का।
उनकी नई स्टडी ने कम एक्सरसाइज के बावजूद किसी भी शारीरिक गतिविधि को स्वास्थ्यवर्धक पाया है।
नतीजे बताते हैं कि बुज़ुर्गों के उत्तम स्वास्थ्य के लिए घंटों बैठने की बजाए हर तरह की शारीरिक गतिविधि करना बेहतर है।
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इस बारे में टीम ने इटली, नीदरलैंड, पोलैंड और यूके के 65 से 79 वर्षीय 871 बुजुर्गों की जांच की थी।
एक समूह में हफ्ते में कम से कम 30 मिनट की एक्सरसाइज करने वाले लोग शामिल थे।
दूसरे समूह के लोग रोजाना उतने समय तक नहीं चलते थे, और तीसरे समूह के घंटों बैठे रहते थे।
टीम ने उन सभी की शारीरिक गतिविधि, आहार और स्वास्थ्य स्थिति की जांच की।
इस दौरान, उनकी कमर साइज, हाई बीपी, कोलेस्ट्रॉल, ब्लड शुगर, इंसुलिन आदि को मापा गया।
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प्रतिदिन 8 घंटे से कम बैठने वालों को मेटाबोलिक सिंड्रोम (Metabolic Syndrome) का खतरा काफी कम था।
मेटाबोलिक सिंड्रोम में हृदय रोग, स्ट्रोक और डायबिटीज होने का डर बना रहता है।
रोजाना 30 मिनट एक्सरसाइज न करने के बावजूद अधिक सक्रिय रहने और कम बैठने से फायदा था।
जबकि देर तक बैठने और कम चलने-फिरने वालों को गंभीर बीमारियों का अधिक खतरा था।
सबसे स्वस्थ सप्ताह में 2.5 घंटे से अधिक चलने और कम बैठने वाले बुजुर्ग जाने गए।
इससे पता चलता है कि कम बैठने और हल्की-फुल्की कसरत से स्वास्थ्य पर सकारात्मक असर पड़ता है।
अधिक जानकारी The Journal of nutrition, health and aging में छपी स्टडी से मिल सकती है।
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