बेहतर जीवन के लिए हर उम्र वालों को शारीरिक गतिविधि (Physical activity) करने की सलाह दी जाती है।
माना गया है कि शारीरिक तौर पर ज्यादा एक्टिव रहने से गंभीर बीमारियों का खतरा कम होता है।
इस बारे में नॉर्वे की एक यूनिवर्सिटी ने कुछ महत्वपूर्ण जानकारियां उपलब्ध करवाई है।
यूनिवर्सिटी स्टडी ने शारीरिक गतिविधि को डिप्रेशन (Depression) लक्षणों की रोकथाम में सक्षम पाया है।
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स्टडी में कहा गया कि 14 वर्ष की आयु से ही शारीरिक गतिविधि बढ़ाने वाले युवाओं में डिप्रेशन होने का डर कम रहता है।
उनके विपरीत, शारीरिक रूप से कम एक्टिव युवाओं में डिप्रेशन लक्षण विकसित होने का जोखिम बढ़ जाता है।
नतीजों में 14 से 18 वर्षीय किशोरों के उत्तम स्वास्थ्य के लिए शारीरिक गतिविधि और तीव्रता महत्वपूर्ण कहे गए है।
पुख्ता जानकारी के लिए बच्चों और युवाओं के एक बड़े समूह की लंबे समय तक जांच की गई थी।
इसमें 6 वर्ष से लेकर 18 वर्ष की आयु तक के 873 लड़के-लड़कियां शामिल थे।
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विशेषज्ञों ने विभिन्न तरीकों द्वारा उनकी शारीरिक गतिविधि और मनोदशा का संज्ञान लिया।
पता चला कि छोटी उम्र से ही एक्टिव रहने वालों में आगे चलकर डिप्रेशन होने की कम संभावना थी।
डिप्रेशन के ज्यादा लक्षण दर्शाते किशोरों में शारीरिक रूप से कम एक्टिव होने की आशंका अधिक थी।
विशेषज्ञों की मानें तो जो युवा 14 की आयु से अपनी शारीरिक गतिविधि बढ़ाते हैं, उन्हें बढ़ती उम्र में डिप्रेशन होने का जोखिम कम होता है।
यह स्वास्थ्य लाभ एक्टिव रहने वाले सभी युवकों और युवतियों को एक-समान प्राप्त हो सकता है।
हालांकि, विशेषज्ञों को खाली बैठने से डिप्रेशन होने की संभावना का कोई सुराग नहीं मिला है।
स्टडी के नतीजे जर्नल ऑफ द अमेरिकन एकेडमी ऑफ चाइल्ड एंड एडोलसेंट साइकियाट्री में प्रकाशित हुए थे।
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