हमारे सोने और जागने से जुड़ी सिर्केडियन क्लॉक (Circadian clock) उत्तम स्वास्थ्य के लिए बहुत ज़रूरी है।
सिर्केडियन क्लॉक को बॉडी क्लॉक यानी ‘शरीर की घड़ी’ भी कहा जाता है।
यह हमारे शरीर को बताती है कि कब सोना है, कब जागना है, और कब भोजन करना है।
अब अंतरराष्ट्रीय वैज्ञानिकों की एक टीम ने इस घड़ी से संबंधित महत्वपूर्ण सूचना दी है।
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टीम ने रोग-संक्रमण से लड़ने में सहायक प्रतिरक्षा प्रणाली (Immune system) में दिन की रोशनी (Daylight) से अधिक मजबूती बताई है।
ऐसा मानव शरीर में मौजूद सिर्केडियन क्लॉक के सकारात्मक प्रभाव से संभव पाया गया है।
शरीर में सबसे प्रचुर मात्रा में पाए जाने वाले प्रतिरक्षा कोशिकाओं को न्यूट्रोफिल (Neutrophils) कहा जाता है।
ये एक प्रकार की श्वेत रक्त कोशिका होती हैं, जो संक्रमण फ़ैलाने वाले बैक्टीरिया को मारती है।
टीम ने कहा कि हमारा इम्यून सिस्टम दिन के दौरान अधिक ताकतवर होता है।
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ऐसा रोशनी के प्रति अधिक एक्टिव रहने वाली सिर्केडियन क्लॉक के कारण संभव है।
हमारी अधिकांश कोशिकाओं में सर्कैडियन घड़ियाँ होती हैं, जो दिन-रात का समय बताती है।
इससे मानव शरीर की महत्वपूर्ण गतिविधियां नियंत्रित रहती है।
इन सर्कैडियन घड़ियों को रीसेट करने में रोशनी का सर्वाधिक योगदान होता है।
स्टडी से पता चला है कि न्यूट्रोफिल ऐसी सर्कैडियन क्लॉक द्वारा नियंत्रित होती हैं, जो दिन के उजाले में उनकी संक्रमण से लड़ने की क्षमता बढ़ाती है।
दिन के समय शरीर अधिक सक्रिय होता है, इसलिए संक्रमण की संभावना भी अधिक होती है।
ज़ेब्राफ़िश मछली पर हुई स्टडी में वैज्ञानिकों ने न्यूट्रोफिल के व्यवहार का आकलन किया था।
न्यूट्रोफिल के अंदर की घड़ी की से पता चला कि सर्कैडियन क्लॉक हमारे इम्यून सिस्टम को कैसे प्रभावित करती है।
टीम ने कहा कि इससे कई सूजन-संबंधी बीमारियों के इलाज में मदद मिल सकती है।
अभी उस विशिष्ट तंत्रों को समझना बाकी है, जिसके द्वारा रोशनी न्यूट्रोफिल की सर्कैडियन क्लॉक को प्रभावित करती है।
यूएस, स्विट्ज़रलैंड और न्यूज़ीलैंड के वैज्ञानिकों की यह स्टडी, साइंस इम्यूनोलॉजी में प्रकाशित हुई थी।