एक नई स्टडी ने रोजाना कॉफ़ी पीना महिलाओं के लिए लाभकारी बताया है।
कोरियाई स्टडी में प्रतिदिन दो या अधिक ब्लैक कॉफ़ी पीने से इंसुलिन रेजिस्टेंस (Insulin resistance) में कमी मिली है।
ब्लैक कॉफ़ी (Black coffee) पीने से बेहतर हुआ ब्लड ग्लूकोज और कम इंसुलिन रेजिस्टेंस पुरुषों की अपेक्षा महिलाओं में अधिक पाया गया है।
स्टडी नतीजे टाइप 2 डायबिटीज के जोखिम को घटाने में कॉफ़ी की संभावित भूमिका को महत्वपूर्ण बताते है।
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स्टडी में वर्ष 2019 और 2021 के बीच कोरिया राष्ट्रीय स्वास्थ्य और पोषण से जुड़े सर्वे का डाटा लिया गया था।
उसमें 19 से 64 वर्षीय 7,453 वयस्कों के कॉफ़ी सेवन और 24 घंटे में पी गई कॉफ़ी-टाइप की जानकारी थी।
उन पुरुषों और महिलाओं ने या तो ब्लैक कॉफ़ी या चीनी और क्रीम वाली कॉफ़ी पीने की सूचना दी थी।
गहन छानबीन में रोजाना दो या अधिक कप ब्लैक कॉफ़ी पीने वाली महिलाओं के इंसुलिन रेजिस्टेंस और फास्टिंग इंसुलिन में सुधार जाना गया।
इंसुलिन स्वास्थ्य पर ब्लैक कॉफ़ी ने चीनी या क्रीम मिली कॉफ़ी की अपेक्षा बेहतर असर डाला।
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कॉफ़ी पीने से महिलाओं की अपेक्षा पुरुषों के इंसुलिन या ग्लूकोज पर कोई महत्वपूर्ण असर नहीं मिला।
स्टडी विशेषज्ञों ने ऐसा सेक्स-हार्मोन-बाइंडिंग ग्लोब्युलिन (SHBG) के कारण संभव माना।
यह प्रोटीन डायबिटीज रोगियों में कम, लेकिन एस्ट्रोजन हार्मोन के कारण महिलाओं में अधिक होता हैं।
दूसरा, पुरुषों की अपेक्षा महिलाओं में स्मोकिंग या शराब पीने की संभावना भी कम होती है।
कॉफ़ी सेवन से ब्लड ग्लूकोज या इंसुलिन बनाने वाली कोशिकाओं पर भी कोई महत्वपूर्ण अंतर नहीं पाया गया।
यानी बीटा सेल फ़ंक्शन को बढ़ाने के बजाय कॉफ़ी इंसुलिन सेंस्टिविटी में सुधार द्वारा ग्लूकोज मेटाबॉलिज्म स्वस्थ रखती है।
उपरोक्त नतीजों के आधार पर कह सकते है कि कॉफ़ी का सेवन टाइप 2 डायबिटीज के विकास में कमी ला सकता है।
इस बारे में अधिक जानकारी न्यूट्रिएंट्स जर्नल में छपी स्टडी से मिल सकती है।