अंतरराष्ट्रीय वैज्ञानिकों की एक टीम ने डायबिटीज दवा सेमाग्लूटाइड को गंभीर लिवर रोग में प्रभावी बताया है।
उनकी जांच में सेमाग्लूटाइड से उपचारित गंभीर लिवर रोग Metabolic dysfunction-associated steatohepatitis (MASH) पीड़ितों की सेहत में सुधार मिला है।
MASH को पहले Nonalcoholic steatohepatitis (NASH) के रूप में भी जाना जाता था।
रोग में पीड़ित के लिवर पर अत्यधिक फैट जम जाता है। इससे मोटापा, डायबिटीज और दिल संबंधी रोग भी बढ़ते है।
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इस बारे में हुई टीम की नई स्टडी के नतीजे दुनिया भर के 37 देशों में हुए परीक्षणों पर आधारित थे।
उनमें शामिल 800 मरीजों को सप्ताह में एक बार 2.4mg सेमाग्लूटाइड या प्लेसबो (Placebo) का इंजेक्शन दिया गया था।
72 सप्ताह के बाद, सेमाग्लूटाइड के 534 रोगियों में से 62.9% के स्टीटोहेपेटाइटिस (Steatohepatitis) में सुधार हुआ।
जबकि प्लेसबो समूह के 266 रोगियों में से 34.3% के लिवर फैट और सूजन में कमी पाई गई।
सेमाग्लूटाइड उपचारित लगभग 36.8% मरीजों जबकि प्लेसबो प्राप्त 22.4% मरीजों के लिवर फाइब्रोसिस में भी सुधार हुआ।
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सेमाग्लूटाइड से मरीजों के लिवर एंजाइम और फाइब्रोसिस में सुधार सहित वजन मे 10.5% कमी हुई।
हालांकि, सेमाग्लूटाइड के मरीजों में मतली, दस्त, कब्ज और उल्टी जैसे साइड इफेक्ट्स अधिक देखे गए।
नतीजे बताते है कि सेमाग्लूटाइड उपरोक्त लिवर रोग के लिए एक प्रभावी इलाज हो सकती है।
दुनिया भर में MASLD के बढ़ते मामलों को देखते हुए यह परीक्षण रोगियों के लिए आशाजनक माना गया है।
टीम अब लिवर जटिलताओं पर सेमाग्लूटाइड के प्रभाव देखने के लिए पांच साल तक 37 देशों के करीब 1,200 मरीजों का डेटा इकट्ठा करेगी।
अधिक जानकारी न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ मेडिसिन में प्रकाशित स्टडी से मिल सकती है।
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