Breast cancer chemotherapy: ब्रेस्ट कैंसर के इलाज में कीमोथेरेपी सबसे लोकप्रिय तरीकों में से एक है।
भले ही यह थेरेपी कारगर साबित हुई हो, लेकिन इसके साइड इफ़ेक्ट भी ज़्यादा है।
क्योंकि यह सिर्फ़ कैंसर कोशिकाओं पर ही नहीं, बल्कि स्वस्थ कोशिकाओं पर भी हमला करती है।
कीमोथेरेपी के थकान, कमज़ोरी और इंफेक्शन जैसे साइड इफ़ेक्ट मरीज को परेशान कर देते है।
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इन दुष्प्रभावों से थेरेपी की प्रभावशीलता और रोगियों के जीवन की गुणवत्ता भी कम हो जाती हैं।
लेकिन अब इंडोनेशिया की एक स्टडी ने प्रोबायोटिक्स (Probiotics) द्वारा कीमोथेरेपी के साइड इफ़ेक्ट में कमी जानी है।
बता दें कि कैंसर उपचार में प्रोबायोटिक्स अपने संभावित लाभों के चलते आशाजनक सप्लीमेंट्स माने गए है।
नई स्टडी में वैज्ञानिकों ने सात स्ट्रेन वाले प्रोबायोटिक्स से ब्रेस्ट कैंसर मरीजों को फायदा पाया है।
उन्होंने प्रोबायोटिक सप्लीमेंटेशन से पहले और बाद में मरीजों की थकान और मतली जैसे साइड इफ़ेक्ट में कमी देखी है।
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मल्टी-स्ट्रेन प्रोबायोटिक्स सेवन से उनके खून के यूरिया नाइट्रोजन में सुधार भी पाया गया है।
प्रोबायोटिक्स सेवन से मरीजों की दैनिक गतिविधियां करने की क्षमता में उल्लेखनीय सुधार हुआ था।
माना गया कि मरीज़ दूसरों पर निर्भरता कम करते हुए अपने जीवन को अधिक स्वतंत्र रूप से जी सकते हैं।
ऐसा कीमोथेरेपी के मतली और थकान जैसे लक्षणों में सुधार से भी संबंधित हो सकता है।
नतीजों में, मल्टी-स्ट्रेन प्रोबायोटिक्स रोगियों को कीमोथेरेपी से संबंधित दुष्प्रभावों में आराम देता मिला है।
हालांकि, इलाज में उपयोग किए जाने से पहले बड़े अध्ययनों द्वारा मल्टी-स्ट्रेन प्रोबायोटिक्स के लाभों की पुष्टि करना जरूरी है।
इस बारे में अधिक जानकारी Pharmacia जर्नल में छपी स्टडी से मिल सकती है।