फलों-सब्जियों से भरपूर आहार और नमक में कमी से दिल की बीमारियों का खतरा कम होता है।
ऐसा यूएस हेल्थ रिसर्चर्स की एक टीम द्वारा की गई हालिया स्टडी ने बताया है।
स्टडी में बाजार के पैकेटबंद और रेस्तरां के खाने से लोगों में नमक की बढ़ोतरी कही गई है।
रोजाना तय नमक (लगभग 5 ग्राम) से अधिक मात्रा खाने पर हाई बीपी का खतरा बढ़ता है।
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यह खतरा चुपके-चुपके शरीर में स्ट्रोक और दिल की बीमारियों को पैदा करता है।
हालांकि, इस खतरे में नमक कम लेकिन रंग-बिरंगे फल, सब्जियां, अनाज अधिक खाने से महत्वपूर्ण कमी हो सकती है।
टीम ने आहार सोडियम में कमी और ज्यादा शाकाहार से हाई बीपी वालों के एथेरोस्क्लेरोटिक कार्डियोवैस्कुलर रोग (ASCVD) विकास में 10 वर्षों की कमी पाई है।
धमनियों में प्लाक बनने के कारण ASCVD होता है। प्लाक से सख्त हुई धमनियों में खून का बहाव कम हो जाता है।
नतीजन, पीड़ित को सीने में दर्द, दिल का दौरा, स्ट्रोक जैसी कई स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं।
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नतीजों में पाया गया कि सोडियम में कमी सहित स्वस्थ आहार में वृद्धि से ASCVD जोखिम सर्वाधिक कम हुआ।
स्वस्थ आहार में लाल मांस, नमक, चीनी, सैचुरेटेड फैट आदि में कमी लेकिन अंडे, मछली की सीमित मात्रा ले सकते है।
पोटेशियम, कैल्शियम, मैग्नीशियम और फाइबर से भरपूर फल-सब्जियां और अनाज ब्लड प्रेशर कंट्रोल रखने में सहायक है।
स्टडी में बीपी पर सोडियम की कमी देखने के लिए टीम ने हाई बीपी के 390 वयस्कों को शामिल किया था।
12-सप्ताह बाद, कम सोडियम सेवन की अपेक्षा स्वस्थ आहार और कम नमक, दोनों से ASCVD जोखिम में अधिक कमी दर्ज की गई।
अमेरिकन जर्नल ऑफ प्रिवेंटिव कार्डियोलॉजी में छपी स्टडी ने दोनों उपायों को एक साथ अपनाने की सलाह दी है।