खून में खराब कोलेस्ट्रॉल (LDL-C) की कमी से डिमेंशिया (Dementia) व अल्जाइमर डिमेंशिया का खतरा घटता है।
यह नवीन जानकारी कोरियाई स्वास्थ्य वैज्ञानिकों की हालिया स्टडी से मिली है।
डिमेंशिया सोचने, समझने, सीखने और याददाश्त जैसी मानसिक क्षमताओं में गिरावट है।
जबकि अल्जाइमर रोग को डिमेंशिया का सबसे आम कारण कहा गया है।
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वैज्ञानिकों ने खराब कोलेस्ट्रॉल घटाने वाली स्टैटिन दवा से भी अतिरिक्त लाभ बताए है।
दवा लेने वाले कम LDL-C मरीजों में डिमेंशिया होने का खतरा और भी घटा हुआ था।
हालांकि, 0.8 mmol/L (<30mg/dL) से भी कम LDL-C होने पर डिमेंशिया जोखिम में गिरावट नहीं मिली।
बता दें कि दिल की बीमारियों से बचने के लिए LDL-C कम रखने की सलाह दी जाती है।
लेकिन LDL-C और मानसिक क्षमताओं में कमी से जुड़े डिमेंशिया के बीच संबंध कम स्पष्ट रहा है।
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जानकारी के लिए वैज्ञानिकों ने 11 अस्पतालों से विभिन्न LDL-C के डिमेंशिया मरीजों की जाँच की थी।
उन्होंने 1.8 mmol/L (<70mg/dL) से कम LDL-C वाले 192,213 मरीजों की पहचान की।
उनके बाद, 3.4 mmol/L (>130mg/dL) से अधिक LDL-C वाले 379,006 मरीजों को देखा गया।
1.8 mmol/L (<70mg/dL) से कम LDL-C लेवल सभी कारणों के डिमेंशिया और अल्जाइमर संबंधित डिमेंशिया के खतरे में क्रमश: 26% और 28% कमी से जुड़ा था।
जबकि 3.4 mmol/L (>130mg/dL) से अधिक LDL-C लेवल वालों में ऐसा सकारात्मक असर नहीं देखा गया।
3.4 mmol/L (>130mg/dL) से अधिक LDL-C की तुलना में 1.4 mmol/L (<55mg/dL) से कम में दोनों तरह के डिमेंशिया का खतरा 18% कम था।
लेकिन जब LDL-C लेवल 0.8 mmol/L (<30mg/dL) से भी कम हो गया तो खतरे में कोई कमी नहीं मिली।
स्टैटिन के उपयोग से LDL-C लेवल कम होने पर भी डिमेंशिया के विरुद्ध अतिरिक्त सुरक्षा जानी गई।
1.8 mmol/L (<70mg/dL) से कम LDL-C वालों में स्टैटिन लेने से सभी कारणों के डिमेंशिया में 13% तथा अल्जाइमर डिमेंशिया में 12% की कमी थी।
नए नतीजे डिमेंशिया का खतरा घटाने में LDL-C कंट्रोल रखने की आवश्यकता पर ज़ोर देते है।
इस बारे में Journal of Neurology Neurosurgery & Psychiatry में छपी स्टडी और जानकारी दे सकती है।
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