डिप्रेशन (Depression) से 40 और 60 की उम्र में ही दिमाग कमज़ोर हो जाता है, ऐसा एक स्टडी का कहना है।
अंतर्राष्ट्रीय स्वास्थ्य शोधकर्ताओं की नई स्टडी ने दिमाग की रक्षा के लिए डिप्रेशन रोकथाम पर ज़ोर दिया है।
उन्होंने कई स्टडीज की जांच के बाद डिप्रेशन को डिमेंशिया (Dementia) के बढ़ते जोखिम से जुड़ा पाया है।
बता दें कि डिमेंशिया दुनिया भर में 57 मिलियन से अधिक लोगों को प्रभावित करता है।
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समस्या से याददाश्त, सोच-विचार, भाषा और निर्णय लेने की क्षमता मुख्य रूप से प्रभावित होती है।
ऐसा पीड़ित के दिमाग की कोशिकाओं को नुकसान होने के कारण होता है।
वर्तमान में इसका कोई इलाज नहीं है। इसलिए जोखिम कारकों की पहचान और उनकी रोकथाम ही उपाय है।
यह स्टडी डिप्रेशन और डिमेंशिया के बीच संबंध देख चुकी कई स्टडीज के डेटा पर आधारित है।
शोधकर्ताओं ने डिप्रेशन और डिमेंशिया के बीच संभावित संबंध जटिल कहे हैं और इसमें कई शारीरिक असंतुलन शामिल हो सकते हैं।
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इसके अलावा, आनुवंशिक और व्यवहार संबंधी परिवर्तन भी खतरा बढ़ा सकते हैं।
नई स्टडी से पहले डिप्रेशन पीड़ितों को बुढ़ापे में डिमेंशिया होने की संभावना अधिक मानी गई थी।
लेकिन अब कहा गया है कि डिप्रेशन चाहे 40 या 50 की उम्र में हुआ हो, लेकिन इससे दिमागी स्वास्थ्य को खतरा है।
नतीजों में डिप्रेशन के उपचार और रोकथाम रणनीतियों को तुरंत लागू करने की आवश्यकता कही गई है।
डिप्रेशन उपचार और रोकथाम से इंसानों में डिमेंशिया के मामले कम करने में मदद मिल सकती है।
अधिक जानकारी EClinicalMedicine जर्नल में प्रकाशित स्टडी से मिल सकती है।
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