तेज गति से चलने पर दिल की अनियमित धड़कन संबंधी समस्याएं (Heart rhythm abnormalities) कम हो सकती है।
यह कहना है स्वास्थ्य शोधकर्ताओं की एक अंतरराष्ट्रीय टीम की नई स्टडी का।
स्टडी में यूके बायोबैंक के 420,925 पुरुषों और महिलाओं के डेटा का विश्लेषण किया गया था।
उन 55 वर्षीय लोगों ने अपनी चलने की गति के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान की थी।
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उनमें से 81,956 ने अलग-अलग गति से चलने में बिताए समय के बारे में अधिक विस्तृत डेटा दिया था।
औसतन 13 वर्षों की स्टडी में 36,574 को किसी न किसी तरह की धड़कन संबंधी असामान्यता हुई।
धीमे की अपेक्षा औसत या तेज चलने से सभी हृदय गति संबंधी समस्याएं क्रमशः 35% और 43% कम खतरे से जुड़ी थी।
तेज चलना एट्रियल फ़िब्रिलेशन (Atrial fibrillation) और अन्य असामान्य धड़कन (Cardiac arrhythmias) के कम जोखिम से भी जुड़ा था।
हालांकि, देर तक धीमी गति से चलने पर हृदय गति संबंधी असामान्यताओं के विकास का कोई खतरा नहीं था।
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औसत या तेज गति से चलने में बिताया गया अधिक समय 27% कम खतरे से जुड़ा था।
चलने की गति और हृदय गति संबंधी असामान्यताओं के बीच का लगभग 36% संबंध मेटाबॉलिक और सूजन संबंधी कारणों से प्रभावित था।
बता दें कि हृदय गति संबंधी असामान्यताएं दिल के रोग, कार्डियक अरेस्ट, स्ट्रोक आदि के जोखिम से जुड़ी हैं।
तेज़ चलने से मोटापे और सूजन में कम होती है, जिससे असामान्य धड़कन का खतरा घट जाता है।
नतीजों ने 60 वर्ष से कम की महिलाओं, स्वस्थ पुरुषों व कुछ स्वास्थ्य समस्याओं वालों को तेज चलना लाभकारी बताया है।
गहन जानकारी हार्ट जर्नल में प्रकाशित स्टडी से मिल सकती है।