कैंसर इलाज के दौरान एक्सरसाइज मरीजों की मददगार हो सकती है, ऐसा यूके की नई स्टडी का कहना है।
पता चला है कि कीमोथेरेपी के दौरान और सर्जरी से पहले की गई एक्सरसाइज से शरीर को कैंसरग्रस्त ट्यूमर में अधिक प्रतिरक्षा कोशिकाएं (Immune cells) भेजने में मदद मिलती है।
स्टडी में कहा गया है कि मरीज जितना अधिक फिट होगा, ट्यूमर के अंदर इम्यून सेल्स उतनी ही मजबूत रहेंगी।
स्टडी का उद्देश्य कैंसर इलाज में एक्सरसाइज द्वारा ट्यूमर घटाने और रोगियों का जीवन बेहतर बनाने में मदद करना था।
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इसके लिए रिसर्चर्स ने एसोफैगल (भोजन नली) कैंसर के 22 मरीजों पर एक परीक्षण किया था।
उनमें से केवल 11 मरीजों ने 16-सप्ताह के एक्सरसाइज प्रोग्राम (जिसे “प्रीहैबिलिटेशन” कहा जाता है) में भाग लिया।
प्रोग्राम में कीमोथेरेपी से लेकर सर्जरी तक मरीजों को कम से लेकर मध्यम श्रेणी की एरोबिक एक्सरसाइज करवाई गई।
सर्जरी के बाद, प्रत्येक रोगी के ट्यूमर का विश्लेषण करके इम्यून सेल्स और जीन गतिविधि को मापा गया।
एक्सरसाइज नहीं करने वालों की अपेक्षा एक्सरसाइज वाले मरीजों के ट्यूमर में कैंसर रोधी प्रतिरक्षा कोशिकाएँ अधिक थीं।
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एक्सरसाइज से बेहतर हुए हृदय स्वास्थ्य और मांसपेशियों की ताकत से कीमोथेरेपी व सर्जरी में मरीजों को कम दिक्कतें हुई।
नतीजों को बेहतर ढंग से समझने के लिए अधिक रोगियों पर परीक्षण की आवश्यकता कही गई है।
इससे बड़े पैमाने पर कैंसर के उपचार को बेहतर बनाने में मदद मिल सकती है।
यह स्टडी जर्नल ऑफ स्पोर्ट एंड हेल्थ साइंस में प्रकाशित हुई थी।
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