पेड़-पौधों से प्राप्त आहार कार्डियोमेटाबॉलिक डिसऑर्डर वालों को लंबा जीवन जीने में मदद कर सकता हैं।
यह दावा किया है अमेरिकन कॉलेज ऑफ कार्डियोलॉजी के एक सम्मेलन में प्रस्तुत स्टडी ने।
स्टडी ने शाकाहार को मोटापा, शुगर और दिल के रोगों जैसी कार्डियोमेटाबॉलिक डिसऑर्डर में जीवनरक्षक पाया है।
स्टडी वैज्ञानिकों ने पौधों-आधारित खाद्य और पेय पदार्थों के सेवन से मरीजों की असमय मृत्यु के जोखिम में कमी जानी है।
- Advertisement -
गौरतलब है कि दुनिया भर में तेजी से बढ़ते कार्डियोमेटाबॉलिक डिसऑर्डर समय से पहले मौत का खतरा तेज करते है।
लेकिन कार्डियोमेटाबॉलिक मरीजों द्वारा शाकाहार का अधिक सेवन दिल, कैंसर और अन्य रोगों से होने वाली मौतों में कमी ला सकता है।
इसके लिए वैज्ञानिकों ने शाकाहार का अधिक, लेकिन पशु-आधारित खाद्य पदार्थों का कम सेवन महत्वपूर्ण कहा हैं।
लाइफस्टाइल, जीन और पर्यावरणीय कारणों से पैदा कार्डियोमेटाबॉलिक डिसऑर्डर शरीर द्वारा भोजन उपयोग के तरीके को प्रभावित करते हैं।
कार्डियोमेटाबॉलिक डिसऑर्डर को रोकने में आहार और अन्य उपाय दवाओं से ज्यादा असरदार माने गए है।
- Advertisement -
वर्तमान स्टडी के लिए वैज्ञानिकों ने यूके, चीन, और यूएसए के लगभग 78,000 कार्डियोमेटाबॉलिक डिसऑर्डर वालों का हेल्थ डेटा जांचा था।
फल-सब्जियों, साबुत अनाज, फलियाँ, चाय और कॉफ़ी से भरपूर डाइट लेने वालों की अपेक्षा रिफाइंड अनाज, आलू, स्वीट ड्रिंक्स और पशु-आधारित खाद्य पदार्थ ज्यादा लेने वालों को असमय मौत का खतरा था।
शाकाहार का अधिक सेवन किसी भी कारण, हृदय रोग या कैंसर से मृत्यु के 17% से 24% कम खतरे से जुड़ा था।
जबकि खराब खान-पान से किसी भी कारण, हृदय रोग या कैंसर से मृत्यु का जोखिम 28% से 36% बढ़ा हुआ था।
यह खतरा विभिन्न आयु, लिंग, स्मोकिंग, शराब सेवन, बॉडी मास इंडेक्स और शारीरिक गतिविधि वालों को एक समान था।
एक अलग अध्ययन के डेटा का उपयोग करने पर चाय, कॉफी और कम फैट दूध के मुकाबले शराब, फुल फैट दूध, फ्रूट जूस, और स्वीट डिंक्स के ज्यादा सेवन वालों को समय से पहले मौत का अधिक जोखिम मिला।
नतीजों की मानें तो कार्डियोमेटाबॉलिक डिसऑर्डर वालों को लंबे जीवन के लिए स्वस्थ आहार ज़रूर अपनाना चाहिए।
इस बारे में ज्यादा जानकारी अमेरिकन कॉलेज ऑफ कार्डियोलॉजी की वेबसाइट से मिल सकती है।
Also Read: जानिए शाकाहारी भोजन से क्यों घटता है बीमारियों का ख़तरा