45 से 65 की उम्र के बीच शारीरिक गतिविधि (Physical activity) में वृद्धि अल्जाइमर से बचाने में सहायक हो सकती है।
जबकि ढलती उम्र में शारीरिक निष्क्रियता से दिमागी स्वास्थ्य में गिरावट की संभावना है।
यह कहना है स्पेनिश स्वास्थ्य विशेषज्ञों का, जिन्होंने निरोगी रहने के लिए एक्सरसाइज जरूरी बताई है।
दुनिया भर में अल्जाइमर रोग (Alzheimer’s disease) के 13% मामलों का कारण शारीरिक निष्क्रियता मानी गई है।
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जबकि एक्सरसाइज दिल और मानसिक स्वास्थ्य में सुधार करके अल्जाइमर रोग का खतरा घटाती है।
हालिया अध्ययन बताते है कि शारीरिक गतिविधि का रोग से जुड़ी दिमागी गिरावट पर सीधा असर हो सकता है।
सटीक तथ्य जुटाने के लिए वर्तमान स्टडी में 337 स्वस्थ पुरुषों और महिलाओं पर चार साल तक नजर रखी गई थी।
उनकी दिमागी स्थिति पर एक्सरसाइज के प्रभावों का विश्लेषण करने के लिए न्यूरोइमेजिंग टेस्ट का उपयोग किया गया था।
WHO द्वारा प्रस्तावित शारीरिक गतिविधि करने वालों में, शारीरिक निष्क्रियता या कम शारीरिक गतिविधि वालों की अपेक्षा, कम बीटा-एमिलॉयड जमाव दिखा।
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इसके अलावा, उनकी गतिविधि में जितनी अधिक वृद्धि हुई, एमिलॉयड जमाव में उतनी ही अधिक कमी देखी गई।
गौरतलब है कि बीटा-एमिलॉयड (Aβ) एक प्रोटीन है, जो दिमाग में जमा होने पर कार्यक्षमता बाधित करता है।
यह अल्जाइमर रोग में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। ऐसा माना जाता है कि यह रोगजनन में शामिल है।
स्टडी में कम शारीरिक गतिविधि करने वालों की दिमागी क्षमता में भी निष्क्रिय लोगों की अपेक्षा कम हानि पाई गई।
इससे पता चला कि कम मात्रा में की गई एक्सरसाइज से भी अल्जाइमर रोग में बचाव की संभावना रहती है।
हालांकि, बढ़ती उम्र में ज्यादा शारीरिक गतिविधि करने से मानसिक क्षमताओं में सुधार पाया गया है।
कुल मिलाकर, अल्जाइमर रोकथाम के लिए ढलती उम्र में शारीरिक गतिविधि को बढ़ावा देना लाभकारी हो सकता है।
अधिक जानकारी अल्जाइमर एंड डिमेंशिया जर्नल में प्रकाशित स्टडी से मिल सकती है।
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