एक यूएस स्टडी ने शारीरिक गतिविधि (Physical activity) से कोलन कैंसर (Colon cancer) रोगियों को लंबे समय तक रोग-मुक्त पाया है।
यहीं नहीं, ज्यादा शारीरिक गतिविधि से दोबारा कैंसर होने के खतरे में कमी मिली है।
साथ ही कैंसर उपचार से गुजरने वालों के जीवित रहने की दर में भी वृद्धि का अनुमान है।
बता दें कि कोलन कैंसर पीड़ितों को सामान्य आबादी की तुलना में जल्द मौत का अधिक खतरा होता है।
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लेकिन एक्सरसाइज से फिटनेस बढ़ाकर मरीज स्वस्थ इंसानों जितना ही जीवन जी सकते है।
ज्यादा जानकारी, स्टेज 3 कोलन कैंसर रोगियों में दो उपचार के बाद हुए परीक्षणों के विश्लेषण से मिली है।
कुल 2,875 रोगियों ने कैंसर सर्जरी और कीमोथेरेपी के बाद शारीरिक गतिविधियों के बारे में बताया था।
सभी रोगियों ने मेटाबॉलिक इक्विवेलेंट (MET) के आधार पर अपनी हर हफ्ते की शारीरिक गतिविधि बताई थी।
मेटाबोलिक इक्विवेलेंट (MET) से हम एक्सरसाइज के दौरान खर्च की गई कैलोरी जान सकते है।
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वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन ने हर हफ्ते 150 मिनट मध्यम से तीव्रता की एक्सरसाइज यानी लगभग 8 MET hours/week की सलाह दी है।
स्टडी से पता चला कि कैंसर उपचार के तीन साल बाद और 3 MET-hours/week से कम के सभी मरीज़ों के जीवित रहने की कुल दर तीन साल थी।
यह दर उतनी ही उम्र के स्वस्थ लोगों की आबादी से तुलना करने पर 17.1% कम थी।
दूसरी ओर, 18 MET-hours/week (पाँच दिन/लगभग 30 मिनट प्रति सप्ताह एक्सरसाइज) से अधिक वालों की जीवित दर सामान्य आबादी की तुलना में केवल 3.5% कम थी।
दूसरे परीक्षण में भी तीन साल तक जीवित रहने वाले मरीजों में से, 3 से कम और 18 MET-hours/week से अधिक वालों की बाद के तीन साल की कुल जीवित दर, मिलान की गई सामान्य आबादी की तुलना में, क्रमशः 10.8 और 4.4% कम थी।
नतीजे ने बताया कि ज्यादा शारीरिक गतिविधि वाले मरीज जल्द मौत के खतरे को कम या समाप्त भी कर सकते हैं।
तीसरे वर्ष तक ट्यूमर-मुक्त और नियमित रूप से एक्सरसाइज करने वाले कैंसर से बचे लोग ज्यादा जी सकते थे।
कुल मिलाकर, कोलन कैंसर रोगियों की शारीरिक गतिविधि का स्तर उनके स्वास्थ्य पर महत्वपूर्ण प्रभाव डालता मिला।
इस बारे में सटीक जानकारी कैंसर जर्नल में छपी रिपोर्ट से मिल सकती है।
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